
कृष्ण को ढूंढने वाले अक्सर गोकुल, मथुरा, वृंदावन, गिरिराज जाते हैं, लेकिन जानकार मानते हैं कि द्वारिका में कृष्ण आराम करते हैं और मथुरा में काम और वैकुंठ में ध्यान। इतिहासकार मानते हैं रावली पर्वत पर ही कहीं वैकुंठ लोक बसाया गया था।
कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने गुजरात के समुद्र के तट पर द्वारिका का निर्माण कराया और वहां एक नए राज्य की स्थापना की। कालांतर में यह नगरी समुद्र में डूब गई जिसके कुछ अवशेष अभी हाल में ही खोजे गए हैं। अभी गुजरात में उक्त द्वारिका के समुद्री तट पर ही भेंट द्वारिका और द्वारका बसी हैं। हिंदुओं को चार धामों में से एक द्वारिका धाम को द्वारिकापुरी मोक्ष तीर्थ कहा जाता है। स्कंदपुराण में श्रीद्वारिका महात्म्य का वर्णन मिलता है।
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